Friday, March 4, 2022

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का यह कहना गलत है कि यूक्रेन एक देश नहीं है

 मैं राष्ट्रपति पुतिन से सहमत नहीं हूं कि यूक्रेन एक देश नहीं है।

यूक्रेन और रूस वास्तव में कीवन रूस से सांस्कृतिक रूप में निकले ही और उनकी भाषाएं एक ही भाषा परिवार से हैं। यह भी तथ्य है कि आधुनिक यूक्रेन के पूर्ववर्ती - कोसैक राज्य 1654 में बहुत छोटा था और विभिन्न रूसी साम्राज्यों ने यूक्रेन को बड़ा बनाया है । यूक्रेन को क्रीमिया जैसी कुछ हिस्सा मिला जो ऐतिहासिक रूप से यूक्रेनी नहीं थी और स्वतंत्रता के समय, पूर्व में कुछ क्षेत्र रूसी बहुल क्षेत्र थे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यूक्रेन एक देश नहीं है।



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आइए एक और उदाहरण लेते हैं। पाकिस्तान शब्द एक सदी पुराना शब्द भी नहीं है। मानवता के इतिहास में पाकिस्तान कभी भी एक देश नहीं था और इसकी कोई दूर की भाषा, संस्कृति आदि नहीं थी। आज भी भारत में उतने ही मुसलमान हैं जितने पाकिस्तान। 1947 तक के इतिहास में पाकिस्तान के क्षेत्र को हमेशा भारत के रूप में देखा गया है। लेकिन अंग्रेजों ने भारत को विभाजित किया और पश्चिमी भारत में धर्म के नाम पर एक नया कृत्रिम देश बनाया। हम भारतीयों ने पाकिस्तान को देश के रूप में स्वीकार कर लिया है। यूक्रेन के मामले में, इसकी एक संस्कृति, भाषा और इतिहास भी है। आधुनिक यूक्रेन का पश्चिमी भाग जो ऑस्ट्रिया-हंगरी और पोलैंड के अधीन था, रूस के साथ बहुत कम चीजें समान थीं। हाँ, "यूक्रेन" शब्द का अर्थ सीमावर्ती भूमि है लेकिन यह रूस से अलग था। इतिहास में कई बार रूस ने यूक्रेनी संस्कृति को दबाने की कोशिश की है।

लगभग 35 लाख यूक्रेन के लोग सोवियत तानाशाह स्टालिन की नीतियों के परिणामस्वरूप 1932-33 के महान यूक्रेनी अकाल मारे गए थे। यह 1932-33 के सोवियत अकाल का हिस्सा था लेकिन यूक्रेन सबसे अधिक प्रभावित थे। यह अलग बात है कि तानाशाह स्टालिन ने रूस और कई अन्य सोवियत संघ के गणराज्यों के भी लाखों लोगो को मारा था (कम्युनिस्ट तानाशाह तो ऐसे ही करते है)। यूक्रेन रूस के साथ सोवियत संघ के संस्थापक सदस्यों में से एक था। वास्तव में, रूसियों ने कभी भी यूक्रेन (सीमावर्ती भूमि) को अपना हिस्सा नहीं माना, लेकिन सोवियत काल के दौरान कई उक्रेनियन (मुख्य रूप से पश्चिमी वाले) ने खुद को रूसी के रूप में कभी नहीं देखा। 1991 में 92% से अधिक यूक्रेनियन ने स्वतंत्रता के लिए मतदान किया। रूसी बहुलसेवस्तोपोल शहर में भी 57% लोगों ने स्वतंत्रता का समर्थन किया था।

समय आ गया है जब रूसियों (पुतिन सहित) को यह महसूस करना चाहिए कि यूक्रेन एक स्वतंत्र देश है। जब हम भारतीय पाकिस्तान को एक देश के रूप में स्वीकार कर सकते हैं तो रूस भी यूक्रेन को स्वीकार कर सकते हैं। जब सिंध के बिना हिन्द हो सकता है तो कीव के बिना रूस क्यों नहीं हो सकता है। जिस क्षण रूस दिल से यूक्रेन को एक देश के रूप में स्वीकार कर लेगा, रूस और यूक्रेन की आधी समस्या का समाधान हो जाएगा।

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